Thursday 4 June 2020

उनकी ज़िन्दगी क्या है ??

सुबह सुबह मोहल्ले में पानी भरने के लिए जाना 

फिल्मी गीतों को बहती धार क साथ गुनगुनाना |

 

 

दफ्तर में बैठ कर यही सोचते रह जाना...

की शाम को उस घर में वापस न जाना पड़े ,

जहाँ माँ खांसती हुई मिलेगी,

और मैं दवाई नहीं ला पाउँगा |

बच्चों के टूटे खिलौनों को 

भला कितनी बार जोड़ पाउँगा ??

 

बीवी की फटी साड़ी से 

झाकेंगे कल के सपने ,

पर आखिर वही तो हैं अपने। 

                                       
 

भले ही हर दिन बोझ है 

और खुद पर उधार है ,

तू जैसी भी है ज़िन्दगी 

मुझे तुझसे प्यार है 

मुझे तुझसे प्यार है | 

                                                                - AYUSH SINGH✍✍